शाकाहारी महिलाओं के लिए प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत- सोया

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रुचि शर्मा
 
सभी शाकाहारी अपने आहार में प्रोटीन की कमी के कारण जीवन के किसी न किसी मोड़ पर परेशान रहते हैं। मांसाहारी भोजन आमतौर पर प्रोटीन से भरपूर होता है लेकिन साथ ही इसमें वसा की मात्रा भी अधिक होती है। शाकाहारियों के पास मूल रूप से दालों, दूध और डेयरी उत्पादों के रूप में चुनने के लिए सीमित विकल्प हैं। हालांकि दालें भी प्रोटीन का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं, लेकिन एक सुपरफूड जिसे हम अक्सर प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों की खोज में अनदेखा कर देते हैं, वह है सोयाबीन और सोया निर्मित प्रोडक्ट। सोया खाद्य पदार्थ आमतौर पर सोयाबीन से बनाए जाते हैं जो एक तरह की फलियां हैं। अधिकांश अन्य फलियों में प्रोटीन की कमी होती है लेकिन सोया उच्च प्रोटीन युक्त भोजन है।
 
Soyabean granules spread on a table
 
मानव शरीर में प्रोटीन की कमी पर ध्यान न दिया जाए तो यह एक बहुत ही गंभीर समस्या बन सकती है। प्रोटीन की कमी को हाइपोप्रोटीनेमिया के रूप में भी जाना जाता है, यह टूटते बालों और खुष्क त्वचा, कम चयापचय (मैटाबौलिज्म), थकान आदि जैसे कई मुद्दों का कारण हो सकती है। सोया में प्रोटीन की गुणवत्ता को पशु प्रोटीन के बराबर माना जाता है और यह विशेष रूप से वीगन लोगों के लिए एक आदर्श प्रोटीन स्रोत है क्योंकि वे प्रोटीन युक्त डेयरी उत्पादों का भी सेवन नहीं करते हैं।
 
सोया सिर्फ सोयाबीन तक ही सीमित नहीं है। ऐसे कई प्रकार के सोया उत्पाद हैं जिन्हें आप अपने दैनिक आहार में शामिल कर सकते हैं जैसे सोयाबीन तेल, सोया दूध, मिसो, टेम्पेह, टोफू, एडामे (ताजा सोयाबीन) आदि। आप सोया चंक्स या सोया नगेट्स भी ले सकते हैं जो आसानी से बाजार मॆं उपलब्ध हैं। बाजार में ऐसे और कई सोया व्यंजन उपलब्ध हैं जो वास्तव में बहुमुखी और स्वादिष्ट सामग्री बनाने में आपकी सहायता कर सकते हैं। हरी सोयाबीन, एडामे नामक एक युवा वेरायटी है जिसे उबाला जा सकता है, और इसका सेवन एक स्वस्थ स्नैक के रूप में किया जा सकता है। सोयाबीन की पीली किस्म का इस्तेमाल आमतौर पर सोया दूध, टोफू, टमारी और टेम्पेह बनाने के लिए किया जाता है। काले सोयाबीन को किण्वित (फर्मैंट) किया जाता है और पारंपरिक व्यंजनों में उपयोग किया जाता है।
 
Nutrition facts of Soya
सोया चंक्स के न्यूट्रीशन फैक्ट
फोटो स्रोत- अमेजन
 
सोया में लगभग 40 प्रतिशत प्रोटीन होता है! यह एक बहु-उपयोग वाला भोजन है जिसे सलाद, सब्जी या सोयाबीन के तेल के रूप में भी खाया जा सकता है। सोया के कुछ बहुमुखी गुण इस प्रकार हैं:
 
यह फाइबर में उच्च है
 
इसमें उच्च प्रोटीन होता है
 
यह कोलेस्ट्रोल रहित है
 
पोटेशियम से भरपूर
 
लैक्टोस रहित
 
शाकाहारी एवं वीगन भोजन के लिए अच्छा
 
उच्च एंटीऑक्सीडेंट का स्त्रोत
 
ओमेगा 3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत
 
उच्च फाइटोएस्ट्रोजेन
 
a pot with soyabean along with a glass of soya milk on a brown matफोटो स्रोत- veganfriendly
 
सोया के स्वास्थ्य लाभ प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत होने से भी कहीं आगे जाते हैं।
 
मोटापा
 
अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो सोया आपके लिए बेहतरीन है क्योंकि इसमें फाइबर की मात्रा भरपूर होती है। फाइबर आपको भरा हुआ महसूस कराने में मदद करता है और साथ ही आपका वजन भी कम होता है क्योंकि आप भोजन के काफी देर बाद तक कुछ और खाने के लिए प्रेरित नहीं होत हैं।
 
हड्डियों को मजबूत करने में सहायता कर सकता है
 
सोयाबीन फॉस्फोरस से भरपूर होता है जो हड्डियों के निर्माण और मरम्मत में मदद करता है, तंत्रिका कार्य और मांसपेशियों के संकुचन में भी मदद करता है। सोयाबीन में आइसोफ्लेवोन्स एक एंटीऑक्सिडेंट है जो समग्र स्वास्थ्य स्थिति में सुधार करने में सकारात्मक प्रभाव डालता है। सोयाबीन में कैल्शियम, मैग्नीशियम, तांबा, सेलेनियम, जिंक और विटामिन जैसे आवश्यक खनिज हड्डियों को मजबूत करते हैं और हड्डियों के घनत्व को बहाल करते हैं। यह ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में भी मदद करता है।
 
स्वस्थ दिल
 
सोया में कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है लेकिन साथ ही यह उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन का उत्कृष्ट स्रोत है। एक अध्ययन ने सुझाव दिया गया है कि इसके नियमित सेवन से शरीर में कुल कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद मिलती है। इसमें फाइटोस्टेरॉल नामक एक यौगिक है, यह पौधों के यौगिक अवशोषण साइटों को अवरुद्ध करके कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को रोकते हैं जिससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद मिलती है। यह रक्तचाप को कम करने में भी मदद करता है जिससे हृदय पर तनाव कम होता है। सोयाबीन में प्रचुर मात्रा में मौजूद विटामिन K1 को फाइलोक्विनोन के रूप में भी जाना जाता है, जो ब्लड क्लौट रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
 
स्वस्थ गर्भावस्था
 
सोया में भरपूर फोलेट की मात्रा है। गर्भावस्था के दौरान फोलेट (विटामिन बी9) एक मूल्यवान पोषक तत्व है जो भ्रूण में न्यूरल ट्यूब दोष को रोकता है और स्वस्थ प्रसव के साथ-साथ बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य को भी सुनिश्चित करता है।
 
रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज़)
 
सोयाबीन में महत्वपूर्ण खनिजों का सार हड्डियों के नुकसान को कम करने में प्रभावी होता है और पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं में बोन मिन्रल डैन्सिटी को बढ़ाता है। सोयाबीन में आइसोफ्लेवोन्स की प्रचुरता मादा प्रजनन प्रणाली के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में कार्य करती है। सोयाबीन में आइसो-फ्लेवोनोइड्स है जो फाइटोएस्ट्रोजन का एक प्रकार है जो रजोनिवृत्ति के बाद के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद करता है।
 
मधुमेह
 
कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि सोया रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करता है क्योंकि वे फाइबर से भरपूर होते हैं।
 
कैंसर से बचाव
 
सोया में आइसोफ्लोवन की उच्च मात्रा होती है। अध्ययनों से पता चला है कि आहार में इसे शामिल करने से विशेष रूप से महिलाओं को स्तन कैंसर के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है। अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार शोध से पता चला है कि एडमैम और सोया उप-उत्पादों के नियमित सेवन से स्तन कैंसर के रोगियों को अच्छी तरह से स्वस्थ होने में मदद मिली है।
 
स्वस्थ पाचन
 
फाइबर से भरपूर होने के कारण सोया और इसके बाय प्रोडक्ट्स पाचन को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। यह आंत (गट) के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी मदद करता है।
 
a bowl of soya bean with some of it spread around
फोटो स्रोत- 1mg
 
सोया को अपने आहार में शामिल करने के कुछ अतिरिक्त कारण हैं-
 
1. सोया प्रोटीन एक पौधा आधारित प्रोटीन है जिसमें सभी 9 अमीनो-एसिड होते हैं जो मांसपेशियों और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
 
2. सोया चंक्स जैसे सोया खाद्य पदार्थों में फाइबर भी होता है जो जठरांत्र (गैस्ट्रो- इन्टस्टाइनल) संबंधी स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
 
3. ये त्वचा को स्व्स्थ करने में मदद करते हैं।
 
4. वे उच्च मैग्नीशियम स्त्रोत हैं जिसके कारण नींद में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।
 
एक बात का आपको ध्यान रखना चाहिए कि अगर आप थायराइड की दवा ले रहे हैं तो आपको सोया का सेवन ध्यानपूर्वक करना चाहिए। चूंकि यह आपकी दवा के प्रभाव में हस्तक्षेप कर सकता है। इसके अलावा, आपको हमेशा किसी भी एलर्जी की जांच करनी चाहिए।
 
तो, हम सभी महिलाओं के लिए, सोया निश्चित रूप से एक ऐसी चीज है जिसे हम अपने आहार में शामिल कर सकते हैं क्योंकि हमारे लिए स्वास्थ्य लाभ वास्तव में अच्छे हैं। यह न केवल प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है बल्कि ऊपर दिए गए अतिरिक्त लाभ केवल यह बताते हैं कि यह एक अद्भुत सुपरफूड है! ये लेख आपको कैसा लगा, हमें नीचे कमैंट्स में ज़रूर बताइये।
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सोया को किस रूप में खा सकते हैं?
सोया सिर्फ सोयाबीन तक ही सीमित नहीं है। ऐसे कई प्रकार के सोया उत्पाद हैं जिन्हें आप अपने दैनिक आहार में शामिल कर सकते हैं जैसे सोयाबीन तेल, सोया दूध, मिसो, टेम्पेह, टोफू, एडामे (ताजा सोयाबीन) आदि। आप सोया चंक्स या सोया नगेट्स भी ले सकते हैं जो आसानी से बाजार मॆं उपलब्ध हैं। बाजार में ऐसे और कई सोया व्यंजन उपलब्ध हैं जो वास्तव में बहुमुखी और स्वादिष्ट सामग्री बनाने में आपकी सहायता कर सकते हैं। हरी सोयाबीन, एडामे नामक एक युवा वेरायटी है जिसे उबाला जा सकता है, और इसका सेवन एक स्वस्थ स्नैक के रूप में किया जा सकता है। सोयाबीन की पीली किस्म का इस्तेमाल आमतौर पर सोया दूध, टोफू, टमारी और टेम्पेह बनाने के लिए किया जाता है। काले सोयाबीन को किण्वित (फर्मैंट) किया जाता है और पारंपरिक व्यंजनों में उपयोग किया जाता है।
क्या सोयाबीन हड्डियों के लिए अच्छा है?
सोयाबीन फॉस्फोरस से भरपूर होता है जो हड्डियों के निर्माण और मरम्मत में मदद करता है, तंत्रिका कार्य और मांसपेशियों के संकुचन में भी मदद करता है। सोयाबीन में आइसोफ्लेवोन्स एक एंटीऑक्सिडेंट है जो समग्र स्वास्थ्य स्थिति में सुधार करने में सकारात्मक प्रभाव डालता है। सोयाबीन में कैल्शियम, मैग्नीशियम, तांबा, सेलेनियम, जिंक और विटामिन जैसे आवश्यक खनिज हड्डियों को मजबूत करते हैं और हड्डियों के घनत्व को बहाल करते हैं। यह ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में भी मदद करता है।
सोयाबीन कब नहीं खाना चाहिए?
एक बात का आपको ध्यान रखना चाहिए कि अगर आप थायराइड की दवा ले रहे हैं तो आपको सोया का सेवन ध्यानपूर्वक करना चाहिए। चूंकि यह आपकी दवा के प्रभाव में हस्तक्षेप कर सकता है। इसके अलावा, आपको हमेशा किसी भी एलर्जी की जांच करनी चाहिए।