कोविड-19ः घर पर इन 10 तरीकों से बच्चों के साथ मनाएं जन्माष्टमी
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भगवान कृष्ण का जन्मदिन यानी कि जन्माष्टमी का उत्सव करीब है। ये त्योहार हिंदू धर्म के सबसे लोकप्रिय पर्वों में से एक है, जिसे हिंदू जगत में काफी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन देश भर में इस त्योहार को अलग-अलग तरह का रंग दिया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रोहणी नक्षत्र में हुआ था और यह त्योहार उनके जन्मदिन के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पूरी रात मंगल गीत गाने की परंपरा भी है।
क्यों मनाई जाती है जन्माष्टमी?
पौराणिक ग्रंथों की मानें, तो भगवान विष्णु ने इस धरती को पापीयों के जुल्मों से मुक्त कराने के लिए भगवान श्री कृष्ण के रूप में अवतार लिया था। श्रीकृष्ण की दो मां थी, एक माता देवकी जिनकी कोख से उन्होंने इस धरती पर अत्याचारी मामा कंस का वध करने के लिए मथुरा में अवतार लिया था और दूसरी इनका पालन पोषण करने वाली माता यशोदा। श्रीकृष्ण बचपन से ही बहुत नटखट थे, उनकी कई सखिंया भी थी। उनके कई ऐसे मजेदार किस्से हैं, जो सुनकर चेहरे पर मुस्कान आ जाए।
भगवान कृष्ण के 108 नाम हैं। उन्हें दूध, दही और माखन काफी पसंद था, यही वजह है कि हर तस्वीर में वह एक दही हांडी या माखन के साथ नजर आते हैं। कृष्ण लालच में माखन की चोरी भी किया करते थे, जिसकी वजह से उनका नाम माखन चोर रख दिया गया था। वृंदावन में महिलाएं माखन मटकी को ऊंचाई पर लटका दिया करती थी, जिससे नटखट गोपाल उनका माखन चोरी न कर पाएं। यही वजह है कि जन्माष्टमी में दही हांडी कार्यक्रम आपको हर गली नुक्कड़ पर देखने को मिलेगा।
कैसे मनाई जाती है जन्माष्टमी ?
अगस्त का महीना शुरू होते ही लोग जन्माष्टमी के त्योहार का इंतजार करने लगते हैं। पूजा पाठ करने के अलावा कई अलग-अलग तरह से इस पर्व को मनाया जाता है। यही कारण है कि ये पर्व लोगों की जिंदगी में एक नई उमंग लेकर आता है। स्कूल काॅलेज हो या महोल्ले की पलटन, इस दिन जगह-जगह कई तरह की झांकियां लगाई जाती हैं तो कहीं दही हांडी के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। स्कूलों में छोटे-छोटे बच्चों को राधा-कृष्ण बनाया जाता है, जो काफी मनमोहक होता है। साथ ही, सभी मंदिरों को बड़ी खूबसूरती से सजाकर उनमें कृष्ण का प्यारा सा झूला बनाकर, उन्हें झूलाया जाता है।
बाकी सालों से अलग है ये साल
हालांकि, साल 2020 में कोरोनावायरस की दस्तक ने लोगों के त्योहार के तरीकों को बिल्कुल बदल-सा दिया है। कोरोनावायरस माहामारी से बचने के लिए अब हर कोई सचेत हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहा है। सावधानी बरतने के साथ अब लोग पहले जैसे त्योहारों को नहीं मना पाते हैं। कोरोना के बाद अब त्योहारों को मनाने के तौर तरीके भी बदल से गए हैं। स्कूल और कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चे पौराणिक चीजों के बारे में जो जानकारी खेल-खेल में हासिल कर लिया करते थे, जो अब नहीं हो पाता है। जैसा कि कृष्ण जन्माष्टमी करीब है तो, जाहिर सी बात है आप घर पर बच्चों के साथ इसे कैसे मनाएं, इस बारे में काफी दिमाग लगा रहे होंगे। आइए हम आपकी परेशानी को कम कर देते हैं, इस ब्लाॅग में हम कुछ खास टिप्स के बारे में जानेंगे कि कैसे हम बच्चों के साथ घर पर जन्माष्टमी का त्योहार मना सकते हैं।
1- बच्चों को कृष्ण और राधा का लुक दें
जन्माष्टमी के दिन बच्चे स्कूल या अन्य कार्यक्रमों में राधा, कृष्ण बनकर जाते हैं। कोरोना के चलते आप घर पर ही बच्चों को तैयार करें, बच्चों को घर में ही राधा, कृष्ण का लुक दें। छोटे-छोटे बच्चे इस अवतार में खूबसूरत तो लगते ही हैं, इसके साथ ही उन्हें राधा, कृष्ण बनकर काफी खुशी महसूस होगी। कृष्ण का नाम हमेशा राधा के साथ जोड़ा गया है, ऐसे में छोटी लड़कियों को राधा के खूबसूरत रूप में आप सजा सकती हैं।
कृष्ण की आप कोई भी तस्वीर देखेंगे तो उसमें वह कई तरह की एक्सेसरीज यानी कि गहने पहने हुए होते हैं। जब आप ये सब बच्चों को पहनाएंगी तो वह इस त्योहार के प्रति रुचि लाएंगे। आप एक मोर पंख, एक बांसुरी, एक मुकुट, एक माला उन्हें पहनाएं। साथ ही बच्चों को यह सब याद कराने में मदद भी करें।
2- कान्हा जी का झूला सजाएं
बच्चों को चमकदार रंग काफी पसंद होते हैं, जो उनके टैलेंट और नए नए आइडिया और बेहतर तरीके से बाहर लेकर आते हैं। तो क्यों न उन्हें घर मंदिर को सजाने दें। इस बीच फूलों, खिलौनों और रंगीन कपड़ों से श्री कृष्ण का झूला या सिंहासन सजवाएं। झूले के बाहरी कोनों पर झालर या फिर लेस लगाएं। अंदर रूई या छोटी सी कोमल गद्दी की मदद से सेज लगाएं और उस पर रेशमी कपड़ा बिछाएं। झूले के चारों तरफ फूल सजाएं। इसमें कान्हा जी का स्थान बनाएं। कान्हा जी का तकिया और गद्दा रखें। आप अब इसमें कान्हा जी को तैयार कर झूले में बैठा दें। झूले को हिलाने के लिए फूल, फिर कपड़े या धागे की मदद से एक रस्सी बनाएं और उन्हें झूलाएं। इन सब कामों के बीच बच्चों की मदद लेना न भूलें।
3- कान्हा जी को सजाएं
कान्हा जी को सजाने में बच्चों की मदद लें। कृष्ण को तैयार करना बच्चे को काफी पसंद आएगा, आप कृष्ण को रंगीन पोशाक, गहनों और एक बांसुरी के साथ तैयार कराएं। पूजा के मंडप को पौराणिक लुक देने के लिए आप मंदिर में गाय और घास के कुछ गुच्छे लगाने में बच्चों की मदद कर सकती हैं। तो लीजिए, आपके घर में हो जाएगा गोकुल का वास!
4- बच्चों को महाभारत की रोमांचक कहानी सुनाएं
अपने बच्चों को बताएं कि किस तरह से बारिश और तूफ़ानी रात में कृष्ण का जन्म हुआ था। उन्हें माखनचोर क्यों कहा जाता था। उन्हें कैसे एक उंगली पर गोवरधन का पहाड़ उठा लिया था और किस तरह साहस के साथ उन्होंने कालिया नाग (विशाल नाग) का सामना किया। कृष्णा की बचपन की कहानियों को बच्चे काफी आसानी से समझ भी पाएंगे और उन्हें सुनना उनके लिए काफी रोमांचित भी होगा।
5- घर पर क्राफ्ट वर्क कराएं
बांसुरी के बिना कृष्ण का अवतार अधुरा है। बच्चों को क्राफ्ट वर्क करने का काफी शौंक भी होता है। आप बच्चों को इसके जरिए जन्माष्टमी के बारे में और बाते सीखा सकती हैं। आप घर पर ही ऑनलाइन वीडियो की मदद से कान्हा जी की बांसुरी, मुकुट और पेंटिंग करवा सकती हैं। ऑनलाइन आपको ऐसी कई वीडियो मिल जाएंगी जिनकी मदद से आप घर पर खूबसूरत सी बांसुरी व मुकुट बना सकते हैं। अगर आपके बच्चे को ड्राइंग करना पसंद है, तो उसे जन्माष्टमी का चित्र बनाने को कहें। श्री कृष्ण के जन्म से लेकर उनकी बाल लीलाओं का चित्र बनाकर वह इस त्योहार के बारे में काफी कुछ जान पाएंगे।
6- जन्माष्टमी के कार्ड बनवाएं
घर पर बच्चों से जन्माष्टमी के कार्ड बनवाएं। उनसे बाल कृष्णा, बांसुरी और मोर पंख के चित्र बनाएं और उन्हें क्रेयॉन व स्केच पेन का उपयोग करके कलर करने दें। इस पर पेन से सभी के लिए जन्माष्टमी के शुभकामना संदेश लिखें। बच्चों को इस तरह की एक्टिविटी काफी पसंद आएगी।
7- दही मटके को सजाएं
दही हांडी जन्माष्टमी से जुड़ी एक लोकप्रिय परंपरा है। दही हांडी जैसे कार्यक्रम के लिए आपके बच्चे अभी काफी छोटे हैं, लेकिन वे खुद घर पर एक मटके को पेंट कर सकते हैं। इसके लिए अपने बच्चे को दही के बर्तन को उनकी कल्पना के अनुसार पेंट कर सजाने के लिए कहें। आप बाजार से उनके लिए एक छोटी मटकी मंगवाएं और अपने बच्चे को उसे तैयार करने दें।
8- घर पर स्वादिष्ट मिठाइयां बनवाएं
हर त्योहार में कुछ खास व्यंजन बनते हैं। जब आप इन व्यजंनों को बनाएं तो छोटे-छोटे कामों में बच्चों की मदद लें। इससे वे इस पर्व पर बनने वाले व्यंजनों के बारे में आसानी से जान पाएंगे। प्रसाद बनाते वक्त आप मेवा और ड्राई फ्रूट्स के छोटे टुकड़े करने में उनकी मदद लें। अपने बच्चे को पंजीरी, खीर और गोपालकला जैसे पारंपरिक व्यंजनों का भी आनंद लेने दें।
9- बच्चों को जन्माष्टमी की पूजा में शामिल करें
शाम को पूजा के दौरान बच्चों को उसमें शामिल करना न भूलें। जन्माष्टमी की प्रार्थना के दौरान कृष्णा के कुछ मजेदार भजन लगाएं और अपने बच्चों को उन्हें सीखने के लिए प्रोत्साहित करें। जन्माष्टमी के दिन, अपने बच्चों को प्रार्थना करने के लिए कहें। कान्हा जी के कुछ खास गाने हैं, आप दिन भर उन भजनों को घर में चला सकती हैं, इससे बच्चों को कान्हा के कुछ गाने याद रहेंगे।
10- ऑनलाइन कार्टून महाभारत देखें
बच्चों को कार्टून काफी पसंद होते हैं। आज ऑनलाइन प्लेटफॉर्म इतना आगे बढ़ गया है कि आप किसी भी तरह का कंटेंट देख सकते हैं। आप टीवी पर बच्चों को महाभारत और कान्हा जी की कार्टून वीडियोज़ दिखा सकती हैं। इससे उन्हें इस में रुचि भी आएगी और वह कान्हा जी और जन्माष्टमी के बारे में कुछ खास बातें याद भी रख पाएंगे। बच्चों को भारतीय पौराणिक कथाओं से रूबरू कराने का यह काफी आसान तरीका है।
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