प्राइड मंथ : आपकी पहचान, आपका अभिमान
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वर्जनाओं और सामाजिक मानदंडों से, हमने अंधेरे के बीच अपना रास्ता खोज लिया है!
LGBTQ+ समुदाय के लोगों के लिए समान अधिकार और समाज में जगह पाना इतना आसान नहीं था। जब हम विशिष्टता और व्यक्तित्व का जश्न मना रहे हैं, आइए उस समुदाय से संबंधित सबसे महत्वपूर्ण शख्सियतों के बारे में बात करें, जिन्होंने कोई भी खामियाजा उठाने में संकोच नहीं किया और अपार शक्ति और सेहनशीलता के साथ बाधाओं को तोड़ डूबते हुए सूरज की किरणों में भी अपनी व अपने समुदाय की परेशानियों का हल निकाला।
1. गौरी सावंत
गौरी एक ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता हैं जिन्होंने मातृत्व से जुड़ी रूढ़ियों को पूरी तरह से तोड़ दिया। वह एक कार्यवाहक, एक माँ और एक कार्यकर्ता हैं, जो न केवल अपने लिए खड़ी हुईं, बल्कि समुदाय के भीतर और बाहर के सैकड़ों लोगों के जीवन को बदलने की दिशा में भी काम कर रही हैं।गौरी 'आजीचा घर' नाम से एक एनजीओ चला रही हैं, जहां वह सेक्स वर्कर्स के बच्चों की देखभाल करती हैं और उनके बचपन को एक नया और अच्छा मोड़ देती हैं। वह उनकी पढाई अथवा सामाजिक वृद्धि पर भी विशेष ध्यान देती हैं।
2. सोनल जिआनी
एक अभिनेता, एक कार्यकर्ता, एक थिएटर कलाकार और एक मजबूत महिला! सोनल भारत में उभयलिंगी महिलाओं और समलैंगिकों के मुद्दों को उजागर करने के लिए एक आवाज़ उठाने के लिए प्रसिद्ध हैं। वह उमंग और यारियां नामक दो सबसे बड़ी LGBTQ पहलों की सह-संस्थापक भी हैं। वह एक उभयलिंगी महिला के रूप में अपने वास्तविक जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए एक वृत्तचित्र में स्क्रीन पर दिखाई दी हैं। सोनल जियानी एक युवा और गतिशील महिला हैं जो किसी भी समस्या से नहीं डरतीं बल्कि उसका डट कर सामना करती हैं।
3. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी
सुंदरता के इर्द-गिर्द पारंपरिक और रूढ़िवादी धारणाओं को तोड़ने के लिए प्रसिद्ध, लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी एक ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता हैं, जो एक अत्यधिक सुन्दर भरतनाट्यम नर्तकी, एक प्रेरक वक्ता और एक भारतीय अभिनेत्री भी हैं, वह खुद को 'हिजरा' समुदाय का हिस्सा मानती हैं। वह दाई वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं जो 2002 से ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए काम कर रही है। वर्ष 2008 में, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में एशिया प्रशांत का भी प्रतिनिधित्व किया। लक्ष्मी भारत के किन्नर या हिजड़ा समुदाय की एक मज़बूत हस्ती हैं।
4. सुशांत दिवगीकर
सुशांत एक तेजतर्रार व्यक्तित्व, एक युवा मॉडल, अभिनेता और LGBTQ कार्यकर्ता हैं। अपने ड्रैग नाम 'रानी कोहेनूर' से लोकप्रिय, वह LGBTQIA+ समुदाय से जुड़े सैकड़ों युवाओं के लिए एक प्रेरणा और ताकत का स्रोत हैं। वर्ष 2014 में मिस्टर गे इंडिया के रूप में इन्हे ताज पहनाया गया, सुशांत ड्रैग कम्युनिटी में दुनिया भर में प्रसिद्ध व्यक्तित्व बन गए हैं। वह भारत में ड्रैग को सामान्य बनाने और स्वीकार करने की दिशा में काम कर रहें है और इसे एक ऐसी कला के रूप में पहचान रहें है जिसे सम्मानित किया जाना चाहिए।
5. अशोक रौ कवी
भारत के पहले समलैंगिक कार्यकर्ता और पत्रकार जिन्होंने LGBTQIA+ समुदाय के हिस्से के रूप में सामने आने वाले लोगों में विश्वास का बीज बोया। उन्होंने निडरता से और खुले तौर पर समलैंगिकता के बारे में अपने विचार व्यक्त किए और वर्ष 1986 में सेवी पत्रिका के साथ एक साक्षात्कार में खुद को समलैंगिक के रूप में पहचाना। उन्होंने हमसफर ट्रस्ट की स्थापना की जिसने समलैंगिकता के बारे में जागरूकता फैलाना शुरू किया और आज तक भारत में किसी भी अन्य संगठन की तुलना में सबसे ज़्यादा एलजीबीटीक्यू समुदाय की सबसे ज़्यादा सेवा की है।
आज जब हम प्राइड मंथ मना रहे हैं, तो आइए एक साथ आएं और अपनी भूमि को LGBTQIA+ समुदाय के सभी लोगों के लिए एक बेहतर, सुरक्षित और खुशहाल जगह बनाने की शपथ लें।
अब समय आ गया है कि हम व्यक्तिवाद और विलक्षणता का जश्न मनाएं और अपनी बाहों को स्वीकृति और प्रेम के साथ फैलाएं। आइये आप और हम मिलकर परिवर्तन की शुरुवात करें और गर्व से प्राइड का झंडा फैराएं।
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