बच्चों को स्कूल की दिनचर्या में वापस लाने के लिए टिप्स
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जब बात आती है स्कूल और बच्चों की तो माता-पिता काफी ज्यादा इस बात में सतर्क हो जाते हैं क्योंकि वो अपने बच्चे के लिये सबसे अच्छा करना चाहते है।
स्कूल दोबारा से शुरु हो चुके है, और मां-बाप बच्चों को दोबारा से स्कूल भेजने की जदोजहद मे जुट गये हैं। बच्चों की स्कूल की दिनचर्या दोबार से लाने में काफी मशक्कत करनी होगी और इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता हैं।
तो बच्चों को स्कूल की दिनचर्या में वापस लाने के लिये क्या किया जाये। आज हम इसी बात पर चर्चा करने जा रहे है।
- क्या है आपके बच्चे के पढने का समय है –
ये बहुत ही जरुरी है कि आपके बच्चे का पढने का समय तय होना चाहिये। उन्हें पता होना चाहिये कि किस तरह से बच्चों के पढने का समय निर्धारित होना चाहिये। इसके अलावा बच्चों के पढने का समय पर ही उन्हें पढने को बोले। अगर उनके पढने के समय, पहले या फिर बाद में कोई काम आ जाता है तो उस काम से बच्चे को करवाने को बोलें। इस बात से उसमें एक पढने की आदत आ जायेगी।
- अपने बच्चों को समय पर उपलब्ध रहने को कहें।
- और उनके साथ पढने को आप भी बैठें और पढाई को और भी रुचिकर बनाये।
- उनकी पढाई को थोड़ा रुचिकर बनाने की कोशिश करें। उन्हें बोर ना होने दें।
- घर या परिवार को छोड कर जाने का डर –
बच्चों के अंदर एक ये भी डर बस गया है वो अपने घर या परिवार को छोड कर जायेंगें क्योंकि कोरोना के कारण घर पर ज्यादा समय बिताया है। क्योंकि बहुत ही अधिक टाइम घर पर बिताया है तो स्कूल की रुटीन दिनचर्या का हिस्सा नहीं बन सकता है। इस कारण उन्हें लोगों कौ या फिर अन्य लोगों को देख कर असहज महसूस होता है। इसके अलावा कुछ बच्चे तो इस फिक्र से ही रोने लगते है कि उन्हें पेरेंट्स से दूर जाना पड़ेगा। इसके लिये उन्हें प्यार से समझाना है और हर चीज को आराम से समझना है।
हमेशा उनके साथ आराम से बात करें और उनके दोस्त बनकर बात करें। इसके अलावा आप उन्हें स्कूल और स्कूल की मस्ती के बारे में भी बता सकते हो। आपको उन्हें ये भी समझाने की बहत ही जरूरत है कि स्कूल एक अच्छी और मजेदार जगह है और उन्हें स्कूल जाकर बहुत ही मजे और खुशी मिलेगी।
- बच्चों के साथ दोस्ती जैसा व्यवहार करें। ताकि वो और भी अच्छा कर सके। उनके साथ अच्छा व्यवहार करने से उनके अंदर और भी चीजें अच्छी हो जाती है।
- उन्हें इस तरह से बात करें ताकि वो ये ना समझे की वो घर से बहुत दूर जा रहे हैं । और वो पूरा ध्यान अपना काम करने पर लगा सके।
- कम से कम 8 घंटे की नींद बच्चों के लिये जरूरी है –
बच्चों के लिये बहुत ही जरुरी है कि वो कम से कम 8-10 घंटों की नींद तो ले ही। इसके लिये जरूरी है कि आप बच्चों को रात में जल्दी सुला दे क्योंकि इससे उनकी नींद पूरी हो जायेगी। बच्चे इसके बाद बहुत ही ज्यादा तरो-ताजा महसूस करेंगें। उनकी नींद का ध्यान रखने से उनका कंसट्रेशन भी काफी अच्छा रहेगा।
- जब बच्चे अच्छी नींद लेते हैं तो वो काफी रिलेक्स महसूस करते हैं। और जब बच्चा अच्छी नींद लेता है तो खुद को एनर्जी से भरपूर पाता हैं।
- इसके अलावा नयी चीजों को जानने के लिये भी उनमें काफी एनर्जी बनी रहती हैं। अगर बच्चा थका हुआ हो तो वो चीजे अच्छे से नहीं कर पायेगा।
- उन्हें अच्छे लोंगों के उदाहरण दे -
उन्हें अच्छे लोगों को उदाहरण देने चाहिये। इससे बच्चे काफी ज्यादा सीखते है। उन्हें अच्छी कहानियां बतानी चाहिये ताकि वो उनसे प्रेरणा ली जा सके। बच्चों का दिमाग बहुत ही जल्दी सीखता है और उसे अभ्यास में लाता है। सबसे बड़ी बात ये है कि बच्चों को जो भी इस उम्र मे सीखा दिया जाता है वहीं उन्हें जीवन भर के लिये प्रेरित करता है।
- बच्चों को तेनालीराम, बीरबल इत्यादि का उदाहरण देकर बहुत ही अच्छे से समझाया जा सकता है। इसके लिये आप आनलाइन की मदद भी ले सकते हैं। कोशिश करे की कहानियों को शुरु में छोटा रखें ताकि बच्चो समझने में कोई दिक्कत ना हो।
- वो बात को काफी अच्छे से समझते हैं जब उन्हें कहानियों के उदाहरण देकर समझाया जाता है और वो इसे जीवन भर याद भी रखते हैं।
- उन्हें शाबासी दे –
अगर आपका बच्चा अच्छा करता है तों उसे शाबासी देना बिल्कुल ना भूले। ये बहुत जरूरी है क्योंकि ये आपके बच्चे को इस बात का अहसास दिलाता है कि जीवन में अच्छा करना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। ये आपके और आपके बच्चे के बीच भी बहुत सी चीजों को और भी अच्छा कर देता है। शाबासी देने से चीजे बहुत ही अच्छी हो जाती है कि क्योंकि आपका बच्चा लगातार अच्छा करने की कोशिश करता रहता है।
उन्हें शाबासी देने के लिये आप बहुत से तरीकों का उपयोग कर सकते है जैसे उनको अच्छा तोहफा देना। उनको खाने के लिये अच्छी चाजों को देना। उनकी तारीफों में अच्छे शब्द कहना। बच्चे जब अपनी तारीफ सुनते हैं तो इससे उन्हें अच्छा महसूस होता है। वो फिर और भी अच्छा करने की कोशिश करते हैं। आप जितना ज्यादा उन्हें अच्छे काम के लिये प्रेरित करते हैं वो उतना ही ज्यादा अच्छा करते हैं।
और अंत में –
इन उपायों को आजमाकर आप काफी आराम से अपने बच्चे की स्कूल से संबंधित दिनचर्या को वापस लाने में काफी मदद कर सकते हैं।
तो फिर इंतजार किस बात का हैं ... इन उपायों को आजमायों और बच्चों को स्कूल जाने के लिये प्रेरित करें।
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