क्या आप तनाव से परेशान हैं? इन 5 आसनों से तनाव को करें कम
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तनाव हम में से अधिकांश लोग रोज महसूस करते हैं। कुछ लोगों को कम तनाव होता है तो कुछ लोगों को लिए यह असहनीय हो जाता है। कोई घर की परेशानी तो कोई ऑफिस के काम को लेकर तनाव में रहता है। इससे न केवल आप अपनी हेल्थ बल्कि किसी भी काम में अपना शत प्रतिशत नहीं दे पाते। इसलिए तनाव को दूर करना और इसे अपने जीवन का हिस्सा न बनने देना जरूरी है। तानव को रोकने के तरीके खोजना अत्यावश्यक है।
तनाव क्यों खतरनाक है? (Why is stress harmful?)
तनाव हमारे दिमाग के साथ-साथ शरीर को भी नुकसान पहुंचाने लगता है। ऐसे में जरूरी है दिमाग को शांत रखना। तनाव के कारण कई बार लोग दवाइयों का सेवन करना शुरू कर देते है इनका अत्यधिक सेवन करने से हमारे शरूरी पर बुरा असर पड़ता है जा आगे चल कर हमारे शरीर को भारी नुकसान पहुंचाता है।
तनाव कम कैसे करें? (how to reduce stress?)
तनाव से छुटकारा पाने का सबसे अच्छा तरीका योगाभ्यास है। योगाभ्यास करने से न केवल आपका दिमाग शांत रहेगा बल्कि आपका शरीर भी स्वस्थ रहेगा। आज हम आपको ऐसे 5 योगासन के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आप तनाव मुक्त रह सकते हैं।
इन 5 योगासन से करें तनाव दूर ( 5 yogasanas will reduce stress)
बालासन (Balasana/Child pose)
बालासन जिसे अंग्रेजी में चाइल्ड पोज के नाम से भी जाना जाता है, यह एक विश्राम मुद्रा है जो मन को शांत, तनाव को दूर करता है। बालासन सिरदर्द और तनाव से पीड़ित लोग नियमित रूप से कर सकते हैं। बालासन के दौरान आप शरीर को पूरी तरह से ढीला छोड़ देते हैं। बालासन करने के लिए आप घुटनों के बल बैठ जाएं और सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाएं अब सांस छोड़ते हुए अपनी कमर को नीचे झुकाते हुए दोनों हाथों को जमीन पर लगाए। इसी मुद्रा में आप 30 सेकेंड से लेकर कुछ मिनट तक रह सकते हैं।
सुखासन (Sukhasana/Easy Pose)
तनाव दूर करने के लिए सुखासन बहुत ही फायदेमंद है। नाम की तरह ही यह आसन आपको सुख और शांति देने वाला है। इस आसन को करने के लिए आप अपने दाएं पैर को बाएं घुटने के नीचे और बाएं पैर को दाएं घुटने के नीचे रखें। अपनी आंखों का बंद करके शरीर को ढीला छोड़ दें। यह पोज आप आसानी से 10 मिनट तक कर सकते हैं। सुखासन रोजाना करने से आप मानसिक और शारीरिक बीमारियों से दूर रहेंगे।
सेतु बंधासन (Setu Bandhasana)
सेतु बंधासन नियमित रूप से करने से दिमाग को शांति मिलती है और बल्ड प्रेशर सामान्य रहता है। ये फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने के अलावा सीने में होने वाले नसों के ब्लॉकेज को रोकने में भी मदद करता है। आप नियमित रूप से सेतु बंधासन कर सकते हैं लेकिन अगर आपको गर्दन या कमर दर्द की शिकायत है तो ये आसन न करें। सेतु बंधासन करने के लिए आप अपनी पीठ के बल लेट जाएं। अब अपने घुटनों को मोड़ लें। घुटनों और पैरों को एक सीध में रखते हुए दोनों पैरों को एक दूसरे से 8-10 इंच दूर रखते हुए फैला लें। हाथों को शरीर के साथ रख लें। ध्यान रखें की हथेलियां ज़मीन पर हो। अब सांस लेते हुए धीरे से अपनी पीठ के निचले, मध्य और फिर सबसे ऊपरी हिस्से को ज़मीन से उठाएं। धीरे से अपने कंधों को अंदर की ओर लें। बिना ठोड़ी को हिलाए अपनी छाती को अपनी ठोड़ी के साथ लगाएं और अपने कंधों, हाथों और पैरों को अपने वज़न का सहारा दें। शरीर के निचले हिस्से को इस दौरान स्थिर रखें। इस आसन को आप 1-2 मिनट कर सकते हैं।
अधोमुख श्वानासन (Downward Facing Dog Pose)
अधोमुख श्वानासन को डाउनवर्ड फेसिंग डॉग पोज भी कहा जाता है। इस आसन को करने से मन शांत और शरीर में रक्त संचार बना रहता है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर सीधे खड़े हो जाएं अब दोनों हाथों को आगे करते हुए नीचे जमीन की ओर झुक जाएं। झुकते समय आपके घुटने सीधे होने चाहिए। अब अपने हाथों की हथेलियों को झुकी हुई अवस्था में आगे की ओर फैलाएं और उंगलियां सीधी रखें। सांस छोड़ें और घुटनों को जमीन पर झुकाते हुए कूल्हों को जितना संभव हो ऊपर उठाएं। ध्यान रखें कि सिर हल्का सा जमीन की ओर झुका होना चाहिए।
हलासन (Halasana)
हलासन शरीर को लचीलता और शक्ति प्रदान करने के साथ-साथ शांति भी प्रदान करता है। हलासन में शरीर की मुद्रा एक हल के समान हो जाती है इसलिए इसे हलासन कहते है। हलासन करने के लिए आप मेट पर सीधा लेट जाएं और दोनों बांहों को नीचे की तरफ सीधा रखें। अब गहरी सांस लेते हुए दोनों टांगों को ऊपर की तरफ उठा कर 90 डिग्री तक ले जाएं। इसके बाद सांस छोड़ते हुए टांगों को अपने सिर की तरफ ले जाएं और घुटनों को माथे के करीब लाने की कोशिश करें जब टांगें और झुकना बंद कर दें तो कोहनी को मोड़कर हथेलियों को कमर के नीचे लगाकर सहारा दें।हाथों को धीरे-धीरे कमर के ऊपरी सिरे की और ले जाएं, ताकि आपके कूल्हे जितना हो सके ऊपर जा सकें। जब दोनों पैरों के अंगूठे फर्श को छूने लगे तो इस मुद्रा में लगभग दो मिनट तक रहें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए हथेलियों को हटा लें और धीरे-धीरे रीढ़ की हड्डी को सीधा करें और टांगों को नीचे ले आएं।
नोट: किसी भी आसन को करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
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