स्वतंत्रता दिवस: पांच महिलाएं जो आर्मी का हिस्सा बनकर बढ़ा रहीं हैं देश का गौरव

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Highlights ये वो जाबाज़ महिलाएं हैं, जो अपनी जान की फिक्र किये बगैर देशवासियों की जान की रक्षा कर रहीं हैं, नए मुकाम हासिल कर रहीं हैं और देश की अन्य महिलाओं में आसमान छू लेने की हिम्मत भर रहीं हैं।

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हम 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहें हैं। ऐसे में यह अहम समय है जब हम अपने देश की उन जाबाज़ महिलाओं को याद करें, जो आर्मी का हिस्सा बनकर देश का मान-सम्मान बढ़ा रही हैं। इन महिलाओं ने न सिर्फ देश का नाम रौशन किया है बल्कि देश की अन्य महिलाओं की लिए एक प्रेरणा के रूप में सामने आई हैं। चुनौतियों के सामने उनके समर्पण और दृढ़ संकल्प ने राष्ट्र की प्रतिष्ठा को ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद की है।

जब कभी हम महिला को आर्मी की वर्दी में देखते हैं तो हमें उनमें सिर्फ देश सेवा की भावना नज़र नहीं आती बल्कि हम अपने सपनों को भी उनमें देख पाते हैं। हमें उनकी वर्दी और उनकी लंबी मुस्कान में उनका लंबा संघर्ष भी दिखने लगता है। आखिर में हमें लगता है कि जब ये अपने सपनों को पूरा कर सकती हैं, तो हम क्यों नहीं। आपके अंदर भी इस तरह की प्रेरणा जगाने के लिए, इस स्वतंत्रता दिवस पर हम आपको बताएंगे भारत की उन पांच महिलाओं के बारे में जिन्होनें आर्मी का हिस्सा बनकर इतिहास रचा और देश की तमाम महिलाओं के लिए मिसाल बनीं।

पांच भारतीय महिलाएं जो आर्मी का हिस्सा बनकर बढ़ा रहीं हैं देश का गौरव

लेफ्टिनेंट कर्नल मिताली मधुमिता

लेफ्टिनेंट कर्नल मिताली मधुमिता

मिताली मधुमिता भारतीय सेना की पहली महिला अधिकारी हैं जिन्हें उनके दिखाए गए अत्यधिक साहस के लिए बहादुरी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साल  2010 में 26 फरवरी को अफगानिस्तान के काबुल में भारतीय दूतावास पर हुए आतंकवादी हमले के दौरान उन्होंने अद्वितीय बहादूरी दिखाई। हमले के दौरान उन्होनें कई सैनिकों को मलबे से बचाया था। उनके इसी साहस को मान्यता देते हुए, 2011 में उपनिगम पदक (सेना पदक) से लेफ्टिनेंट कर्नल मिताली मधुमिता को सम्मानित किया गया।

मेजर श्वेता पांडे

आज से तीन साल पहले यानी 74वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल्ली के लाल किले में तिरंगा फहराते वक्त एक महिला सेना अधिकारी ने असिस्ट किया था। यह तस्वीर आग की तरह फैल गई थी। यह कोई और नहीं बल्कि मेजर श्वेता पांडे थीं। साल 2020 के जून महीने में मेजर पांडे मॉस्को के रेड स्क्वायर पर रूस की विजय दिवस परेड में राष्ट्रीय ध्वज का भार उठाने वाली और त्रिकोणीय सेवाओं वाली भारतीय सशस्त्र बलों की टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी भी बनीं थीं। मेजर श्वेता भारतीय सेना की 505 बेस वर्कशॉप में इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर की पद पर कार्यरत हैं।

लेफ़्टिनेंट कर्नल कुरैशी 

लेफ़्टिनेंट कर्नल कुरैशी सेना के सिग्नल कॉर्प्स की अफ़सर हैं। जब इन्होनें लड़कियों को संदेश दिया था कि “आर्मी जॉइन करें”, तब देश की कई लड़कियों के दिल में सेना से जुड़ने की प्रबल इच्छा जागी होगी। साल 2016 के मार्च महीने में वो सेना की टुकड़ी यानी आर्मी कन्टिंजेंट का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अफसर बनी। कर्नल कुरैशी पंजाब बॉर्डर पर ऑपरेशन पराक्रम में हिस्सा ले चुकी हैं। इसके अलावा उन्हें जनरल ऑफिसर कमान्डिंग इन चीफ की ओर से एक कार्ड भी दिया गया। उत्तर पूर्वी राज्यों में बाढ़ राहत कार्य में साहस और लगन दिखाने के लिए उन्हें सिग्नल ऑफिसर इन चीफ की तरफ से कमेंडेशन कार्ड से सम्मानित किया गया। उन्होंने विभिन्न ऑपरेशन क्षेत्रों में सेवा की है और असाधारण नेतृत्व भी किया।

फ्लाइट लेफ्टिनेंट अवनी चतुर्वेदी 

विदेश में हुए वायुसेना के युद्धाभ्यास में पहली बार अगर किसी महिला अधिकारी ने हिस्सा लिया तो वो हैं फ्लाइट लेफ्टिनेंट अवनी चतुर्वेदी। Su-30MKI पायलट अवनी ने 12 जनवरी से 26 जनवरी 2023 तक हायाकुरी, जापानी एयरबेस पर हुए जापान एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स के साथ आयोजित सैन्य युद्धाभ्यास में भाग लिया। 16 दिनों तक चले इस मेगा एयर कॉम्बैट अभ्यास में उनके प्रदर्शन ने हर देशवासी का दिल गौरव से भर दिया।

कैप्टन तानिया शेरगिल

कैप्टन तानिया शेरगिल

कैप्टन तानिया शेरगिल भारतीय सेना की एक और महिला अधिकारी हैं जिन्होंने देश को गौरवान्वित किया है। वह 2020 में गणतंत्र दिवस परेड के दौरान सभी पुरुषों की टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बनीं।  भारतीय सेना में शामिल होने वाली कैप्टन तानिया अपने परिवार की चौथी पीढ़ी हैं। शुरुआती वर्षों के दौरान, वह अपने पिता और दादा से ‘भारतीय सेना’ के बारे में कहानियां सुनते-सुनते बड़ी हुईं। भारतीय सेना में उनका योगदान, देश की अन्य महिलाओं को कुछ कर दिखाने के लिए प्रेरित करता है।

सारांश

लेफ्टिनेंट कर्नल मिताली मधुमिता, मेजर श्वेता पांडे, लेफ़्टिनेंट कर्नल कुरैशी, फ्लाइट लेफ्टिनेंट अवनी चतुर्वेदी, कैप्टन तानिया शेरगिल, देश की उन हजारों महिलाओं में से पांच महिलाएं हैं जो पितृसत्तात्मक समाज की बंदिशों को तोड़कर देश का नाम रौशन कर रहीं हैं। ये वो जाबाज़ महिलाएं हैं, जो अपनी जान की फिक्र किये बगैर देशवासियों की जान की रक्षा कर रहीं हैं, नए मुकाम हासिल कर रहीं हैं और देश की अन्य महिलाओं में आसमान छू लेने की हिम्मत भर रहीं हैं। इस स्वतंत्रता दिवस पर हम सब सभी आर्मी से जुड़े पुरुष अफसरों के साथ-साथ, हर जाबाज़ महिला अफसर को भी सलाम करते हैं। वो सभी पुरुष अफसर के कंधे-से-कंधा मिलाकर देश को गौरवान्वित कर रहीं हैं।

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