घर में कम जगह होने पर भी इन तरीकों से बनाएं गार्डन

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जो लोग अपने सपनों का घर बनाना चाहते है उनके सपने में घर के साथ एक खूबसूरत गार्डन भी आता है। घर में गार्डन बनाना हर की दिली ख्वाहिश होती है लेकिन होम-गार्डन की सही जानकारी नहीं होने के चलते अधिकतर लोगों का ये सपना पूरा नहीं हो पाता है। हालांकि थोड़ी सी कोशिश करके घर पर या घर की छत पर आसानी से एक खुबसूरत गार्डन तैयार किया जा सकता है। आज हम आपको घर पर गार्डन या बगीचा बनाने के बारे में बताने जा रहे है जिसकी मदद से आप टेरेस, बालकनी, खिड़कियों, लिविंग रूम, घर के बरामदे, पोर्च आदि जगह में हरियाली बिखेर सकते है।

कम देखभाल के साथ ऐसे तैयार करें एक खूबसूरत होम गार्डन-

a plant and chair with cushion in a balcony

जगह का चुनाव -
घर पर गार्डन बनाने के लिए जगह का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसी जगह पर होम गार्डन बनाएं जहा सूर्य का प्रकाश सीधे आता हो। दरअसल, पौधों को प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से ही ऊर्जा प्राप्त होती है। इसलिए उनका सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आना जरूरी है। हालांकि टेरेस पर गार्डन बनाने जा रहे है तो इस बात का ध्यान रखें कि पौधों को बहुत ज्यादा और लगातार तेज धूप न लगे। इससे पौधे जल सकते है और उनकी ग्रोथ रुक सकती है। टेरेस पर गार्डन बनाते समय शेड बना सकते है ताकि तेज धूप से पौधे बचें रहे। इसके अलावा टेरेस पर गार्डन बनाने के लिए वजन का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। घर के छत की हालत कैसी है? उसपे कितना वजन डाल सकते है? आदि का ध्यान रखें। साथ ही टेरेस गार्डन के लिए वाटरप्रूफ ग्रोबैग्स का उपयोग किया जा सकता। जबकि घर के दूसरे हिस्से जैसे आंगन, पोर्च, गैलरी, लिविंग रूम खिड़कियों और बालकनी आदि में सुविधा के अनुसार आसानी से छोटा या बड़ा गार्डन बनाया जा सकता है।

मौसम का चुनाव -
वैसे तो किसी भी मौसम में बागवानी या गार्डनिंग की जा सकती है। लेकिन मानसून का मौसम घर पर गार्डन बनाने या टेरेस पर गार्डन बनाने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। मानसून में पौधे तेजी से बढ़ते है और कुछ ही महीने में एक खूबसूरत गार्डन तैयार हो जाता है। मानसून में पौधों को पानी देने की जरूरत नही पड़ती है बारिश से उन्हें पोषण युक्त पानी मिलता रहता है।

मिट्टी की तैयारी -
एक खूबसूरत गार्डन बनाने के लिए सबसे जरूरी है मिट्टी की तैयारी। यदि मिट्टी उच्च गुणवत्ता और उपजाऊ हो तो पौधों की ग्रोथ जल्दी होती है। गार्डन के लिए मिट्टी तैयार करने के लिए किसी खेत या नर्सरी से अच्छी क्वालिटी की मिट्टी लेकर आएं। मिट्टी को 2-3 दिन तक धूप में खुला छोड़ दें। ताकि मिट्टी के कीड़े-मकोड़े और फंगस खत्म हो जाए। अब मिट्टी में कंपोस्ट खाद, गोबर की खाद या फिर बाजार में मिलने वाली प्राकृतिक खाद अच्छी तरह से मिलाकर गमलों में भर दें। गमलों में मिट्टी इतनी ही भरे ताकि पानी डालने पर बाहर न निकले।

गमलों की तैयारी -
घर पर गार्डन बनाने के लिए प्लास्टिक के गमलों की बजाय मिट्टी या सीमेंट के गमले अच्छे होते है। प्लास्टिक के गमलों में पौधों की ग्रोथ रुक जाती है। वहीं सजाने के लिए गमलों पर कैमिकल वाले पेंट की जगह गेरू का इस्तेमाल करें। गार्डन के साइज के हिसाब से गमलों का चुनाव करें। बाजार में 50 रुपये से लेकर 500 रुपये तक के अलग-अलग आकार और डिजाइन के हिसाब से गमले आसानी से मिल जाते है। ऐसे गमलों का चुनाव करें जिसमें अतिरिक्त पानी निकलने की व्यवस्था हो। लगातार पानी में डूबे रहने से पौधे की जड़ें सड़ जाती है इसलिए गमले के निचले हिस्से में छेद होना जरूरी है।

होम गार्डन तैयार करने के लिए टूल्स -
होम गार्डन तैयार करने के लिए कुछ टूल्स की आवश्यकता पड़ती है। जैसे-
1. गार्डन ग्लव्ज
2. खुरपी या फावड़ा
3. बाल्टी या तगारी
4. पौधों को सीधा करने के लिए पतली लकड़ियां
5. सुतली या पतली रस्सी
6. पौधों की कटाई और छंटाई के लिए कैंची या सिकेटियर्स आदि।

पौधों का चुनाव -

lots of indoor plants kept in a balcony

1.सजावटी पौधे- बागवानी में वैसे तो कई तरह के पौधे लगाए जा सकते है, लेकिन अधिकतर लोग फूल और सजावटी पौधे लगाना पसंद करते है ताकि उनका होम गार्डन आकर्षक लगे। इसके लिए आप पाम, साइकस पाम, अडिका पाम, मनीप्लांट, जैट्रोपा, बॉटल ब्रश आदि सजावटी पौधे अपने गार्डन में लगा सकते है।

2.फूलों वाले पौधे - भारतीय घरों के गार्डन में आपको कई तरह के फूलों वाले पौधें देखने को मिलेंगे। इनमें रात की रानी, चमेली, मोतिया, मोगरा, मोरपंख, फाइकस, गेंदा, बोगनवेलिया, हैबिस्कस, कॉसमॉस (पीला), जीनिया, सूरजमुखी, गेलार्डिया, टिथोनिया, ऐजेरेंटम, एमरेंथस, कनेर, टोरिनिया, गामफेरिना, गुलाब, कॉर्न फ्लॉवर, कारनेशन, डेजी, गुलदाउदी, हॉलीकॉक आदि।

3.पानी में उगने वाले पौधे - कुछ पौधे ऐसे भी होते है जिन्हें मिट्टी की जरुरत नही पड़ती है और उन्हें पानी में उगाया जा सकता। इनमें मनीप्लांट, वॉटर लैट्यूस, लिली, लोटस, सिंगोडियम आदि आते है। इन पौधों को कांच की बोतल, पॉट आदि में सजावटी पत्थर के साथ उगाया जा सकता है।

4.मच्छर और कीड़े भगाने वाले पौधे- ऐसे कई पौधे होते है जो गार्डन की खूबसूरती तो बढ़ाते ही है साथ ही मच्छर और कीड़ों को भगाने में भी मदद करते है। ऐसे पौधों में गेंदा, लेमन बाम, नीम, तुलसी, लैवेंडर, रोजमेरी, हार्समिंट, सिट्रोनेला आदि शामिल है। ये खास तरह के पौधे अपनी तेज खुशबू के लिए जाने जाते है जो मच्छरों और कीड़ों को भगाने में कारगर होती है।

कहां से खरीदे बीज या पौधे-

a lady tending to her plants


घर पर गार्डन बनाने के लिए आपको अपनी सुविधा के अनुसार पौधों का चुनाव करना पड़ता है। पौधों का चुनाव करने के बाद किसी प्रामाणिक नर्सरी से रोपने लायक छोटे पौधे खरीदे जा सकते है। इसके अलावा किसी कृषि अथवा गार्डेनिंग से संबंधित दुकान से बीज खरीदे जा सकते है। पौधों और बीजों को खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि वे अच्छी और प्रामाणिक क्वालिटी के हों।

बीज या पौधे की तैयारी –
मिट्टी और गमलों का चुनाव करने के बाद बारी आती है बीज या पौधे रोपने की। इसकी तैयारी मिट्टी को गमलों में भरने से शुरू होती है। पहले गमले में जहां पानी निकलने की जगह है वहां पॉट या टाइल के टूटे हुए टूकड़े या छोटे पत्थर रख दें। ताकि अतिरिक्त पानी निकलते समय मिट्टी का पोषण बाहर न निकले। अब मिट्टी में बीज या पहले से तैयार छोटे पौधे लगाएं। बीज रोपने के लिए उसे उसके आकार से दोगुना मोटी मिट्टी की परत के नीचे तक ही अंदर डालें, नहीं तो अंकुर फूटने में ज्यादा समय लग सकता है। यदि आप पहले से तैयार पौधे लगा रहे है तो शाम या रात के समय लगाएं या फिर ठंडे समय पर लगाएं ताकि पौधे की जड़ों को बाहर की धूप और हवा न लगे। बीज और पौधे लगाने के बाद थोड़ा पानी डालें।

खाद की जरूरत -
पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए समय पर खाद डालना जरूरी है। आप गोबर की खाद या बाजार से मिलने वाली ऑर्गनिक खाद खरीद कर डाल सकते है। आमतौर पर नर्सरियों से आर्गनिक खाद के छोटे-छोटे पैकेट आसानी से मिल जाते है। पौधे लगाने के बाद खाद डालने का समय होता है जब उसमें दोबारा पत्तियां या फूल आने शुरू हो जाएं। इसके आलावा महीने में एक बार निर्धारित मात्रा में खाद डाली जा सकती है। खाद देते समय गमलों की मिट्टी सूखी होना जरूरी है। खाद देने के बाद मिट्टी की गुड़ाई कर दें और पानी पर्याप्त मात्रा में पानी डालें।

घर या टेरेस पर बने गार्डन की ऐसे करें देखभाल -

पौधे बड़े होने पर आपका छोटा सा होम गार्डन तैयार हो जाएगा। एक बार गार्डन तैयार होने के बाद पौधों की देखभाल करना जरूरी है। होम गार्डन की देखभाल करने के लिए इन तरीकों को आजमाएं।


1.पानी देने का पैमाना - होम गार्डन में जब गमले की मिट्टी सूखने लगे तभी पानी डालें। तय मात्रा से ज्यादा पानी डालने से पौधे खराब होने लगते है। पानी डालने के लिए मौसम का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। मानसून में पानी डालने की जरूरत नही है क्योंकि बारिश से पौधों को पानी मिलता रहता है। सर्दियों में हर तीसरे या चौथे दिन पानी डालें। जबकि गर्मियों में रोजाना पानी डालना जरूरी है। पानी सुबह या शाम के वक्त ठंडे मौसम में ही देना चाहिए। भूलकर भी तेज धूप में पानी नहीं डाले, इससे पौधे झुलस सकते है।


2.नियमित रूप से गुड़ाई करना है जरूरी- एक बार गार्डन तैयार होने के बाद भूलना नहीं है। मिट्टी को अच्छी तरह से हवा और पानी मिलता रहे इसके लिए नियमित रूप से गुड़ाई करना जरूरी है। एक्सपर्ट द्वारा महीने में एक बार मिट्टी की गुड़ाई करने की सलाह दी जाती है।

3.धूप की व्यवस्था - यदि आपने इनडोर गार्डन बनाया है और वहां पर्याप्त मात्रा में धूप नहीं पहुंच पा रही है तो हफ्ते में कम से कम 2 या 3 बार गमलों को उठाकर धूप में रखें। कुछ घंटे धूप लगने के बाद गमलों को अपने तय स्थान पर रख दें। वहीं गर्मियों में टेरेस गार्डन के पौधों को तेज धूप से बचाना जरूरी है। इसके लिए ऊपर नेट लगा दें ये अस्थायी शेड बना दें ताकि गर्मी की तेज धूप से पौधे जले नहीं।

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क्या पौधों की नियमित रूप से गुड़ाई करना ज़रूरी है?
एक बार गार्डन तैयार होने के बाद भूलना नहीं है। मिट्टी को अच्छी तरह से हवा और पानी मिलता रहे इसके लिए नियमित रूप से गुड़ाई करना जरूरी है। एक्सपर्ट द्वारा महीने में एक बार मिट्टी की गुड़ाई करने की सलाह दी जाती है।
क्या पौधों के लिए खाद ज़रूरी है?
पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए समय पर खाद डालना जरूरी है। आप गोबर की खाद या बाजार से मिलने वाली ऑर्गनिक खाद खरीद कर डाल सकते है। आमतौर पर नर्सरियों से आर्गनिक खाद के छोटे-छोटे पैकेट आसानी से मिल जाते है। पौधे लगाने के बाद खाद डालने का समय होता है जब उसमें दोबारा पत्तियां या फूल आने शुरू हो जाएं। इसके आलावा महीने में एक बार निर्धारित मात्रा में खाद डाली जा सकती है। खाद देते समय गमलों की मिट्टी सूखी होना जरूरी है। खाद देने के बाद मिट्टी की गुड़ाई कर दें और पानी पर्याप्त मात्रा में पानी डालें।
क्या इंडोर गार्डन को धुप की ज़रुरत होती है?
यदि आपने इनडोर गार्डन बनाया है और वहां पर्याप्त मात्रा में धूप नहीं पहुंच पा रही है तो हफ्ते में कम से कम 2 या 3 बार गमलों को उठाकर धूप में रखें। कुछ घंटे धूप लगने के बाद गमलों को अपने तय स्थान पर रख दें। वहीं गर्मियों में टेरेस गार्डन के पौधों को तेज धूप से बचाना जरूरी है। इसके लिए ऊपर नेट लगा दें ये अस्थायी शेड बना दें ताकि गर्मी की तेज धूप से पौधे जले नहीं।