महिलाओं का अपना बैंक खाता और बचत क्यों होनी चाहिए?
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एक समय था जब भारतीय समाज को पुरुष प्रधान माना जाता था। लेकिन अब परिस्थिति बदल रही है। अब शहरों के साथ ही गावों में भी महिला सशक्तिकरण की चर्चा हो रही है। देश में महिलाओं की स्थिति में पहले की अपेक्षा अब काफी सुधार देखने को मिल रहा है। हालांकि सामाजिक परिवेश में महिलाएं भले ही हर भूमिकाएं निभाते हुए पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। लेकिन आज भी वित्तीय मामलों में महिलाओं की भूमिका को नजरअंदाज किया जा रहा है। ये एक ऐसा विषय है जिसमें महिलाओं को हमेशा से ही कम आंका गया है। हालांकि बदलते परिवेश में महिलाएं जॉब और बिजनेस में पहले की अपेक्षा अब ज्यादा आ रही है और अपने वित्तीय फैसले भी ले रही है। तो आईये जानते है महिलाओं को खुद का बैंक खाता और बचत क्यों रखना चाहिए।
महिलाओं का अपना बैंक खाता क्यों होना चाहिए-
- स्कीमों का लाभ लेने के लिए- महिलाओं को अपना बैंक खाता जरुर खुलवाना चाहिए। बैंकों द्वारा कई फाइनेंशियल उत्पाद महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाए जाते है। यदि कोई महिला बचत खाता खुलवाती है तो उसे इसके कई लाभ मिलते है। जैसे कैश बैक, लोन पर कम प्रोसेसिंग फीस, कम ब्याज पर लोन आदि।
- महिला खातों पर पुरुषों की अपेक्षा ये लाभ मिलते है - महिला बचत खाते पर कुछ बैंक जैसे कोटक महिंद्रा बैंक के सिल्क-वूमेन अकाउंट में महिला ग्राहकों को होम बैंकिंग की सुविधा मिलती है। होम बैंकिंग में घर से ही कैश लेने, नकदी की डिलीवरी, चेक डिलीवरी और ड्राफ्ट डिलीवरी जैसी कई सुविधाएं मिलती है। इसके अलावा एचडीएफसी बैंक महिला ग्राहक को बचत खाते पर 1 लाख रुपये का एक्सीडेंटल कवर और एक्सीडेंट में मौत होने पर 10 लाख रुपये का कवर देती है।
- न्यूनतम बैलेंस और सैलरी अकाउंट में छूट के लिए - रत्नाकर बैंक लिमिटेड जैसे बैंक महिला बचत खाते पर महिला ग्राहकों को किसी भी बैंक के एटीएम से कितनी भी बार कैश निकालने की सुविधा देती है। इसके अलावा महिलाओं को न्यूनतम बैलेंस रखने की छूट और सैलरी अकाउंट में शून्य बैलेंस पर भी कई सुविधाएं मिलती है।
- टर्म इंश्योरेंस के लिए - अधिकतर बीमा कंपनियां पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को जीवन बीमा पॉलिसियों के प्रीमियम में छूट देती है।
- सस्ते होम लोन के लिए - देश में मौजूद तमाम बैंक पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को सस्ता होम लोन देती है। कई बैंक महिलाओं को 0.05 फीसदी से 0.10 फीसदी तक की छूट देती है। हालांकि ये ज्यादा अंतर नही है लेकिन बड़े लोन और 20-25 साल की अवधि वाले लोन में ये छोटा अंतर बड़ा फायदा देता है।
- प्रॉपर्टी टैक्स में छूट के लिए - महिलाओं को प्रॉपर्टी टैक्स में छूट दी जाती है। देश के कई नगर निगम महिलाओं को ये छूट प्रदान करते है। जैसे दिल्ली नगर निगम महिलाओं के नाम प्रॉपर्टी पर 30 फीसदी तक की छूट देता है। जबकि अन्य शहरों में अलग-अलग छूट दी जाती है।
- स्टैंप ड्यूटी में छूट - महिलाओं के नाम पर यदि मकान है तो उसकी रजिस्ट्री में राज्य सरकारें छूट देती है।
महिलाओं को बचत क्यों करनी चाहिए -
महिलाओं को अपनी पूरी जिंदगी में हर कदम पर कई भेदभावों से होकर गुजरना पड़ता है। जिसका असर उनके वित्तीय जीवन पर भी पड़ता है। हालांकि महिलाएं बचत करें तो वित्तीय रूप से मजबूत हो सकती है। तो आईये जानते है महिलाओं को बचत क्यों करना चाहिए -
- महिलाओं को पुरुषों को मुकाबले कम वेतन मिलता है - एक ही तरह के काम, कौशल और अनुभव के बाद भी महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कम वेतन मिलता है। मॉन्स्टर सैलरी इंडेक्ट की 2019 की रिपोर्ट बताती है कि महिलाओं को पुरुषों को मुकाबले 19 फीसदी तक कम वेतन मिलता है। ऐसे में महिलाओं को बचत पर ध्यान देना चाहिए ताकि वे अपनी बचत से कम वेतन की कमी को भर सके।
- करियर ब्रेक - कामकाजी महिलाओं को करियर में आगे बढ़ने की राह में शादी, बच्चे जैसे फैसले रोकते है। ऐसे में कई महिलाओं को अपनी जॉब तक छोड़नी पड़ती है। ऐसे में महिलाओं के करियर में ब्रेक लग जाता है और वे पुरुषों के मुकाबले पीछे रह जाती है। ऐसी महिलाओं को अपनी बचत पर ध्यान देना चाहिए ताकि वे करियर में ब्रेक लगने के बाद भी वे वित्तीय रूप से स्वतंत्र रह सके।
- अपने फैसले खुद लेने के लिए - महिलाओं को खुद के लिए फैसले लेने के लिए वित्तीय रूप से मजबूत रहना जरुरी है। यदि महिलाएं खुद के फैसले लेना चाहती है तो उन्हें अपने पास खुद की बचत रखनी जरुरी है। यदि आपके पास बचत का एक अच्छा अमाउंट है तो आप अपने फैसले खुद ले सकती है।
- आत्मनिर्भर बनने के लिए - यदि महिलाएं जॉब की बजाय खुद का कोई बिजनेस शुरू करके आत्मनिर्भर बनना चाहती है तो उनके पास खुद की बचत होना जरुरी है। यदि आप खुद का कोई बिजनेस शुरू करना चाहती है तो अपनी बचत का पैसा उसमें लगा सकती है।
- रिटायरमेंट के लिए - अधिकतर नौकरीपेशा पुरुषों के पास उनके रिटायरमेंट से संबंधित पेंशन, प्लान और जमा पूंजी होती है। लेकिन ऐसी महिलाएं जो जॉब नही करती है उनके पास रिटायरमेंट का कोई प्लान नही होता है। ऐसी महिलाओं को खुद की बचत करना चाहिए ताकि रिटायरमेंट के समय या उम्र के अंतिम पड़ाव में उनके पास खुद की कुछ बचत हो जो काम में आ सके।
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