4 बातें जो बच्चों के सामने कभी नहीं बोलनी चाहिए

6 minute
Read

Highlights तो माता-पिता होने के नाते आपकी ये पहली जिम्मेदारी है कि आप अपने बच्चों का ध्यान रखें और इस तरह की गंभीर बातें उनके सामने बिल्कुल भी ना करें। ध्यान रखें कि बच्चों का दिल बहुत ही नाजुक होता है और इसे किसी भी तरह की चोट कभी नहीं पहुंचनी चाहिये।

Disclaimer This post may contain affiliate links. If you use any of these links to buy something we could earn a commission. We are a reader supported website and we thank you for your patronage.

बच्चों का दिल बहुत ही नाजुक होता है। उन्हें प्यार की बहुत ही ज्यादा जरूरत होती है।

वो अपने आस-पास जो भी देखते हैं, उससे काफी कुछ सीखते है।

बच्चे पालना कोई आसान काम नहीं है। ये भी एक तरह का बहुत ही ज्यादा मेहनत से भरा हुआ काम है।

बच्चों के सामने कभी भी आपको ऐसी बातें नहीं बोलनी चाहिये जिससे उनके मानसिक संतुलन पर खराब असर हो। आपको ध्यान रखना है कि आपकी बाते उनके विकास को बाधित ना करें। आइये जानते है कि आपको कौन सी 4 बातें अपने बच्चों के सामने नहीं बोलनी है -

  1. उनके चेहरे-मोहरे को लेकर कभी टिप्पणी ना करें –

कभी-कभी पेरेंट्स को अपने बच्चे को लुक्स को लेकर किसी भी तरह का कोई कमेंट नहीं करना चाहिये। इस तरह की बातें उनके सामने किसी भी तरह से की जाती हैं तो उनके बाडी इमेज के लेकर बहुत ही ज्यादा चिंता होने लगती है। इस तरह से वो हीन भावना से भी घिर सकते है। ऐसा भी कहा जा सकता है कि उनमें ईटिंग डिस्आर्डर के लक्षण भी आ सकते है।

बच्चा चाहें अपने शरीर में पतला हो या फिर लंबा हो या फिर उसका रंग काला हो या फिर गोरा, आपको उसके लुक्स को लेकर किसी भी तरह से प्यार नहीं करना है। माता-पिता होने के तौर पर आपको यह ध्यान रखना है कि उनको आप उनकी अंदरुनी खूबियों के लिये प्यार करते हैं।

उनके चेहरे-मोहरे को लेकर तो कभी भी किसी भी तरह की टिप्पणी कभी भी ना करें। जितना हो सके उनके प्रेरित करें कि वो जैसे भी है अपने आप में बहुत ही ज्यादा खास है।

  1. तुम्हारी उम्र में तो मैं ये सबकुछ कर लेता था –

आपको कभी भी अपने बच्चे से इस तरह की बात नहीं करनी है कि उनकी उम्र में तो ये सब आप आसानी से कर लेते थे। अक्सर माता-पिता को लगता है कि उनका इस तरह से कहना सही होगा। लेकिन ऐसा नहीं है बल्कि ये चीजों को और भी ज्यादा खराब कर सकता है।

अगर आप अपने बच्चे से ऐसा कहते हो की उसकी उम्र में तो आप खाना भी बना लेते थे या फिर जिम्मेंदारियां भी उठा भी लेते थे तो ये बाते उनके मन को बहुत ही ज्यादा ठेस पहुंचा सकती है। इस तरह की बातों से उसके मन को काफी गहरी ठेस पहुंच सकती है।

और इसीलिये ये बहुत जरूरी है कि बच्चों को अपना एक अलग रास्ता या फिर मंजिल बना लेनी चाहिये। बहुत ही ज्यादा अच्छी बात ये है कि इससे आपका आत्मविश्वास भी बढेगा और इसके साथ ही वो एक मजबूत तरह की शख्सित में भी बदल सकता है।

  1. इतने कम नंबर क्यूँ है –

अक्सर बच्चों के नंबर कम आने पर पैरेंट्स ये भी कहते हैं की तुम्हारे नंबर इतने कम क्यूँ आये हैं। इस तरह की बातें भी बच्चों को काफी कमजोर बना देती है। अगर बात करें इंडिया की तो ज्यादातर बच्चों को ये सुनने को मिल जाता है। लेकिन सबसे ज्यादा जरुरी बात ये है कि इस तरह की तुलना करने से बच्चों की उपलब्धियों की वैल्यू उनकी नजरों में कम हो जाती है।

a child writing in a book with colored pencils strewn across the table

यानि ये बहुत ही ज्यादा जरूरी है कि आप अपने बच्चों की उपलब्धियों को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिये। आपका बच्चा अपने आप में काफी खुबसूरत और हुनरमंद है। जब आप इस तरह से उसको किसी से तुलना करते हैं तो ये आपके बच्चे को नकारात्मक तरीके से कंपेयर करता है। इसके अलावा ऐसी बाते उसके आत्मविश्वास को भी तोड़ कर रख देती है। ऐसी बाते उन्हें आगे बढने के लिये बिल्कुल भी मोटिवेट नहीं करती है।

  1. तुम्हारे भाई-बहन तुमसे काफी अच्छे हैं –

यहां तक की कभी-कभी मां-बाप भी इस बात को नहीं समझ पाते हैं कि ये बात बहुत ही ज्यादा गलत हो सकती है। उन्हें लगता है कि ये बात सिर्फ मजाक में कही गई है लेकिन ऐसी बात नहीं हैं क्योकिं इन बातों का बच्चों पर काफी गहरा असर पड़ जाता है। इस तरह की नकारात्मक बातें बच्चों के सामने बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिये।

मां-बाप के लिये ये जानना बहुत ही जरूरी है कि हर बच्चे की अपनी क्षमता हैं और वह उसी तरह से अपने निर्णय लेता है। इसीलिये ये बहुत ही जरूरी है कि आपके अपने बच्चे की तुलना कभी भी किसी नहीं करनी चाहिये। ऐसा करने से बच्चे के दिल में इस प्रकार की भावना भी जगह बना लेती है कि वो अच्छा नहीं कर पायेंगें।

अगर आप अपने बच्चे को उदास या फिर अकेला पाये तो इसे नजरअंदाज बिल्कुल ना करें। आपके बच्चे को आपके प्यार की बहुत ही ज्यादा जरुरत है। आपको उन्हें समझना चाहिये।

Logged in user's profile picture




क्या बच्चों को कम नम्बरों के लिए टोकना चाहिए?
<p>अक्सर बच्चों के नंबर कम आने पर पैरेंट्स ये भी कहते हैं की तुम्हारे नंबर इतने कम क्यूँ आये हैं। इस तरह की बातें भी बच्चों को काफी कमजोर बना देती है। अगर बात करें इंडिया की तो ज्यादातर बच्चों को ये सुनने को मिल जाता है। लेकिन सबसे ज्यादा जरुरी बात ये है कि इस तरह की तुलना करने से बच्चों की उपलब्धियों की वैल्यू उनकी नजरों में कम हो जाती है।</p><p>यानि ये बहुत ही ज्यादा जरूरी है कि आप अपने बच्चों की उपलब्धियों को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिये। आपका बच्चा अपने आप में काफी खुबसूरत और हुनरमंद है। जब आप इस तरह से उसको किसी से तुलना करते हैं तो ये आपके बच्चे को नकारात्मक तरीके से कंपेयर करता है। इसके अलावा ऐसी बाते उसके आत्मविश्वास को भी तोड़ कर रख देती है। ऐसी बाते उन्हें आगे बढने के लिये बिल्कुल भी मोटिवेट नहीं करती है।</p>
क्या बच्चों की भाई बेहेन से तुलना करनी चाहिए?
<p>यहां तक की कभी-कभी मां-बाप भी इस बात को नहीं समझ पाते हैं कि ये बात बहुत ही ज्यादा गलत हो सकती है। उन्हें लगता है कि ये बात सिर्फ मजाक में कही गई है लेकिन ऐसी बात नहीं हैं क्योकिं इन बातों का बच्चों पर काफी गहरा असर पड़ जाता है। इस तरह की नकारात्मक बातें बच्चों के सामने बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिये।</p><p>मां-बाप के लिये ये जानना बहुत ही जरूरी है कि हर बच्चे की अपनी क्षमता हैं और वह उसी तरह से अपने निर्णय लेता है। इसीलिये ये बहुत ही जरूरी है कि आपके अपने बच्चे की तुलना कभी भी किसी नहीं करनी चाहिये। ऐसा करने से बच्चे के दिल में इस प्रकार की भावना भी जगह बना लेती है कि वो अच्छा नहीं कर पायेंगें।</p>