चीनी की जगह शहद को अपने भोजन में इस्तेमाल करने के स्वास्थ्य लाभ!
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मीठा खाना किसे पसंद नहीं होता! लेकिन, मीठी डिश की एक बाइट लेते वक्त भी अक्सर ख्याल आ जाता है कि ये मीठा हमारे शरीर के अंदर जाकर नुकसान तो करेगा ही।
लेकिन, कई बार स्वाद के आगे सेहत फीकी पड़ जाती है। भारतीय लोगों को हर बात पर मीठा खाने की आदत होती है।
मीठा यानि कि चीनी और चीनी यानि कि लाखों बीमारियाँ और मोटापा। मिठाई, हलवा, टॉफी, चॉकलेट आदि। इन सब चीजों में चीनी की अधिक मात्रा होती है। इन्हें रेगुलर खाने से आप बड़ी से बड़ी बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं।
तो क्या किया जाए, मीठा खाना छोड़ दिया जाए? हम जानते हैं, ये आपके लिए आसान नहीं है। लेकिन, क्या आप जानते हैं आप अपने टेस्ट को बरकरार रखते हुए भी मीठा खा सकते हैं?
जी हाँ, आप अपनी डाइट में चीनी की जगह शहद का इस्तेमाल कर के सेहतमंद भी रह सकते हैं और अपनी मनपसंद डिश समय-समय पर खा भी सकते हैं।
आइए जानते हैं चीनी की जगह शहद को इस्तेमाल करने के फायदे क्या हैं : -
शहद से कम होता है वजन :-
अगर आप चीनी का अधिक सेवन करते हैं तो समय के साथ-साथ ये आपको वजन को तेजी से बढ़ाएगी। चीनी आपके ब्लड शुगर लेवल को काफी तेजी से बढ़ाती है क्योंकि इसमें GI यानि ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। इसके कारण मोटापा बढ़ता है।
वहीं, शहद में GI की मात्रा कम होती है। जिससे ब्लड शुगर लेवल अधिक नहीं बढ़ता। शहद में फ्रूक्टोज की मात्रा अधिक होती है। इसलिए यह चीनी से भी मीठा होता है। आधा चम्मच शहद भी आपकी डिश में वह स्वाद ला सकता है जो 2 से 3 चम्मच चीनी लेकर आएगी।
शहद है रोग निवारक : -
दादी-नानी के जमाने से शहद का इस्तेमाल जुकाम या गले की खराश के लिए किया जाता रहा है। शहद में मौजूद एंटी-बॉयोटिक गुण, गले से जुड़ी परेशानियों से लड़ने में मदद करते हैं।
कई शोध शहद के इस गुण को साबित कर चुके हैं। हालांकि, एक साल से छोटे बच्चे को शहद न देने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही जली हुई त्वचा पर शहद लगाने से राहत मिलती है। इसके विपरीत चीनी में ऐसे कोई गुण नहीं होते हैं।
कम शहद यानि कम कैलोरी : -
देखा जाए तो एक चम्मच चीनी में लगभग 49 कैलोरी होती है और शहद के एक चम्मच में लगभग 65 कैलोरी। लेकिन डिश को मीठा करने के लिए शहद की चीनी से आधी से भी कम मात्रा में जरूरत होती है। यानि अगर आप चीनी को शहद से रिप्लेस करते हैं तो आप कम कैलोरी लेंगे।
शुद्ध शहद खराब नहीं होता : -
आज कल बाजार में काफी मिलवाटी शहद मिलते हैं। लेकिन, जो शुद्ध शहद होता है वो कभी खराब नहीं होता है। शहद जितना पुराना होता जाता है उतना ही औषधि के रूप में काम करता है। जबकि, चीनी किसी भी तरीके से औषधि के रूप में काम नहीं करती है।
शहद से बढ़ती है रोग-प्रतिरोधक क्षमता : -
शहद में काफी विटामिन और मिनरल्स मौजूद होते हैं। ये आपके शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है और बीमारियों से लड़ने में सहायता करता है।
शहद में विटामिन ए, बी, सी, आयरन, कैल्शियम, सोडीयम फास्फोरस, आयोडीन प्रचूर मात्रा में पाया जाता है।
मसूड़ों के लिए भी अच्छा है शहद : -
एंटी-बैक्टीरियल और इन्फेक्शन हीलिंग गुण मौजूद होते हैं। ये गुण दांतों और मसूड़ों से जुड़ी अलग-अलग परेशानियों का असर कम करने में सहायक है जैसे मसूड़े की सूजन, ब्लीडिंग और प्लाक!
शहद है प्राकृतिक एनर्जी ड्रिंक : -
बिना प्रोसेस किया हुआ शहद शरीर को तुरंत एनर्जी प्रदान करता है, जिससे आप तरोताजा महसूस करते हैं।
नींद लाने में सहायक : -
रात को सोने से पहले दूध में एक चम्मच शहद डालकर पीने से, नींद से जुड़ी परेशानियाँ भी समाप्त होती हैं।
चीनी के नुकसान :-
भले ही चीनी खाने में अच्छी लगती हो या फिर इसे लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता हो। लेकिन, चीनी कई बीमारियो को आपके शरीर में घर दे सकती है। चीनी अधिक खाने से डायबीटीज का खतरा बढ़ जाता है।
मोटापा एक गंभीर बीमारी में बदल सकता है। अधिक चीनी के सेवन से दिल की बीमारी का खतरा भी बढ़ता है। इसके अलावा शहद के मुकाबले चीनी को पचाना मुश्किल होता है।
नोट :- अधिक सेवन चीनी का हो या शहद का, नुकसान ही करेगा। डायबीटीज पेशेंट को शहद का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह लिए कभी नहीं करना चाहिए। अच्छे परिणाम के लिए शुद्ध शहद का सेवन करना जरूरी है लेकिन सीमित मात्रा में।
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